✨ रक्षाबंधन 2025 – परंपरा, प्रासंगिकता और नए युग की सोच ✨
📌 प्रस्तावना
रक्षाबंधन – सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि रिश्तों का वो अहसास है जो समय, दूरी, और परिस्थितियों से परे होता है। यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, लेकिन इसके मायने समय के साथ बदलते रहे हैं। 2025 में रक्षाबंधन का महत्व सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं रहा, अब यह समानता, सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक बन चुका है।
🎀 रक्षाबंधन क्या है?
रक्षाबंधन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘रक्षा’ और ‘बंधन’। इसका शाब्दिक अर्थ है “सुरक्षा का बंधन”। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधती हैं और भाई उनकी सुरक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी लेते हैं। पर क्या यह जिम्मेदारी केवल एक दिन की या सिर्फ भाई की है?
🕉️ रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?
इस पर्व का मूल उद्देश्य रिश्तों में विश्वास, सुरक्षा और स्नेह को पुनः सजीव करना है। आज के तेजी से भागते समय में जब रिश्ते औपचारिक होते जा रहे हैं, रक्षाबंधन एक अवसर है जब हम अपने परिवार, विशेषकर बहन के साथ भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं।
📜 रक्षाबंधन का इतिहास
रक्षाबंधन का इतिहास अत्यंत समृद्ध है। कुछ प्रमुख ऐतिहासिक और पौराणिक कथाएँ हैं:
- द्रौपदी और कृष्ण – महाभारत के अनुसार, जब कृष्ण का हाथ घायल हुआ, तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक हिस्सा फाड़कर बाँध दिया। बदले में कृष्ण ने उन्हें सदा रक्षा देने का वचन दिया।
- रानी कर्णावती और हुमायूं – इतिहास में प्रसिद्ध है कि रानी कर्णावती ने मुग़ल शासक हुमायूं को राखी भेजकर मदद मांगी थी, और हुमायूं ने उसे स्वीकार कर सहायता की।
- यम और यमी – यमराज ने भी अपनी बहन यमी (यमुना) से राखी बंधवाकर वचन दिया कि जो भाई इस दिन अपनी बहन से राखी बंधवाएगा, उसे लंबी उम्र मिलेगी।
🔮 रक्षाबंधन 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
इस वर्ष रक्षाबंधन 2025 को 9 अगस्त (शनिवार) को मनाया जाएगा।
- राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: सुबह 10:45 AM से दोपहर 1:25 PM तक उत्तम रहेगा।
- भद्रा काल: सुबह 7:00 से 10:45 तक है, इस समय राखी न बाँधें।
- पूर्णिमा तिथि: 8 अगस्त रात 8:15 से 9 अगस्त रात 6:32 तक।
📌 नोट: शुभ मुहूर्त का पालन करने से पूजा और रक्षा संकल्प का प्रभाव कई गुना बढ़ता है।
🛍️ आज का ट्रेंड: डिजिटल राखियाँ और ई-कॉमर्स भाईचारा
आज के समय में जब परिवार देश-विदेश में फैले हैं, डिजिटल राखियाँ, वीडियो कॉलिंग पर राखी बाँधना, और ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म से गिफ्ट्स भेजना नया चलन बन गया है। भाई-बहन अब भले ही फिजिकली साथ न हों, पर वर्चुअली और भावनात्मक रूप से करीब हैं।
- Instagram Reels पर राखी डांस ट्रेंड
- Amazon & Flipkart की राखी सेल्स
- NFT राखी – ब्लॉकचेन युग में एक नया तोहफा!

💡 एक नया दृष्टिकोण: सिर्फ बहनों की नहीं, सबकी रक्षा करें
रक्षाबंधन अब सिर्फ एक पारंपरिक पर्व नहीं रहा। आज के दौर में इसका संदेश कहीं गहरा और व्यापक है। जब समाज में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, LGBTQ+ समुदाय और यहां तक कि प्रकृति पर खतरा है, तो क्या सिर्फ अपनी बहन की रक्षा ही काफ़ी है?
हमें एक संकल्प लेना होगा – “जहाँ भी अन्याय हो, वहां हम ‘भाई’ की भूमिका निभाएं।”
✅ यह रक्षा बंधन सिर्फ बहनों का नहीं, हर उस व्यक्ति का हो जिसे सुरक्षा और सम्मान की आवश्यकता है।
✨ रक्षाबंधन और आत्मनिर्भर भारत
राखी के कारोबार से जुड़ी हजारों महिलाएँ हस्तनिर्मित राखियाँ बनाकर अपना रोजगार चला रही हैं। भारत सरकार की ‘Vocal for Local’ पहल के तहत इस वर्ष हस्तशिल्प राखियों को बढ़ावा मिल रहा है।
- Self Help Groups और महिला उद्यमियों द्वारा बनाई गई राखियों की मांग बढ़ी है।
- Eco-Friendly राखियाँ और बीज राखी (जो पौधा बनती हैं) नए जमाने का प्रतीक बन रही हैं।
🧠 बच्चों को सिखाएँ – राखी का सही मतलब
राखी केवल तोहफों का आदान-प्रदान नहीं है। यह एक अवसर है बच्चों को सम्मान, सुरक्षा, और बराबरी का पाठ पढ़ाने का।
आप चाहें तो अपने बच्चों से:
- एक कविता या पत्र लिखवाएँ
- किसी जरूरतमंद को राखी भेजें
- रक्षा का अर्थ समझाएँ
🔚 निष्कर्ष: एक धागा, कई जिम्मेदारियाँ
रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, यह एक सामाजिक, नैतिक और भावनात्मक जिम्मेदारी का प्रतीक है।
2025 में यह पर्व हमें याद दिलाता है कि:
“रक्षा का बंधन केवल बहन तक सीमित नहीं,
ये बंधन है हर उस इंसान से, जिसकी सुरक्षा में हमारी भूमिका है।”
🙋 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. रक्षाबंधन 2025 में कब है?
A. रक्षाबंधन 2025 को 9 अगस्त (शनिवार) को मनाया जाएगा।
Q2. क्या रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के लिए है?
A. परंपरा में ऐसा है, लेकिन आज इसका संदेश सभी की रक्षा और सम्मान की ओर इशारा करता है।
Q3. क्या महिलाएं भी पुरुषों को राखी बांध सकती हैं?
A. बिल्कुल! रक्षा का भाव किसी भी जेंडर तक सीमित नहीं।
Q4. इस बार कौन-कौन सी ट्रेंडिंग राखियाँ चलन में हैं?
A. Eco-friendly, seed rakhi, customized photo rakhi और डिजिटल राखियाँ खास ट्रेंड में हैं।
✍ लेखक: सिद्धार्थ तिवारी
(संस्थापक – Mudda Bharat Ka | UPSC विश्लेषक | समाजिक चिंतक)
Happy raksha Bandhan all of you