4 अगस्त 2025: अंतिम सावन सोमवार पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने की संपूर्ण गाइड – पूजा विधि, व्रत कथा और मंत्र”

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2025 का अंतिम सावन सोमवार: भोलेनाथ को प्रसन्न करने का आखिरी सुनहरा अवसर!

सावन (श्रावण) का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर माना जाता है। इस माह में भगवान शिव की आराधना विशेष रूप से की जाती है और प्रत्येक सोमवार को ‘सावन सोमवार व्रत’ रखा जाता है।

2025 में यह पावन महीना विशेष रूप से भक्तों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि 4 अगस्त 2025 को अंतिम सावन सोमवार पड़ रहा है। यह दिन उन सभी श्रद्धालुओं के लिए अंतिम अवसर है जो भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते हैं।


🔱 सावन का धार्मिक महत्व:

हिंदू ग्रंथों के अनुसार, सावन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब विष निकला था, तब भगवान शिव ने उसे ग्रहण किया था और उनके ताप को शांत करने के लिए देवताओं ने गंगाजल चढ़ाया। यही परंपरा आज भी जलाभिषेक के रूप में निभाई जाती है।


📅 2025 में अंतिम सावन सोमवार की तिथि:

  • तारीख: 4 अगस्त 2025
  • वार: सोमवार
  • नक्षत्र: मघा
  • योग: सिद्धि योग

यह दिन पूजा-पाठ, व्रत और भगवान शिव के अभिषेक के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है।

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🧘‍♀️ व्रत और पूजा विधि (Step-by-step):

  1. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें
  2. स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें
  3. शिवलिंग का गंगाजल, दूध, शहद और दही से अभिषेक करें
  4. बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल और भस्म अर्पण करें
  5. ऊँ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें (कम से कम 108 बार)
  6. व्रत कथा पढ़ें और आरती करें
  7. ब्राह्मण या गरीब को भोजन व वस्त्र दान करें

❗ क्या करें और क्या न करें?

करेंन करें
सोमवार का व्रत रखेंझूठ न बोलें
शिवलिंग पर जल चढ़ाएंतुलसी का प्रयोग न करें
सात्विक भोजन करेंप्याज-लहसुन से परहेज करें
उपवास के साथ मन और वाणी को भी संयमित रखेंअभद्र भाषा या क्रोध न करें

👩‍🦰 महिलाओं के लिए विशेष महत्व:

अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति हेतु इस दिन व्रत रखती हैं, वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए शिव आराधना करती हैं।

मान्यता है कि जिसने सच्चे मन से सावन सोमवार के दिन शिव व्रत रखा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।


📖 सावन सोमवार की पौराणिक कथा:

एक बार एक गरीब ब्राह्मण था जिसने पूरी श्रद्धा से सावन सोमवार के व्रत किए। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिव जी ने उसे दर्शन दिए और राजा बनने का वरदान दिया। यह कथा बताती है कि सच्ची भक्ति से सब कुछ संभव है।


🕉️ शिव मंत्र व स्तुति:

  • महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
    उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
  • शिव पंचाक्षरी मंत्र: ऊँ नमः शिवाय
  • आरती: ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा

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🌧️ बारिश, भक्ति और मौसम:

सावन में प्रकृति भी मानो शिव भक्ति में लीन हो जाती है – हरियाली, वर्षा और ठंडी हवाएं वातावरण को शिवमय बना देती हैं। इस अंतिम सोमवार को भी मौसम विभाग ने हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है, जिससे भक्तों की आस्था और भक्ति दोनों और प्रबल होंगी।



🙏 निष्कर्ष:

2025 का अंतिम सावन सोमवार केवल एक व्रत का दिन नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, भक्ति और पुनर्नव संकल्प का अवसर है। यह दिन आपको ईश्वर से जोड़ता है, आपके कर्मों को परिशुद्ध करता है और जीवन में नई ऊर्जा भरता है।

हर हर महादेव!


✍️ लेखक परिचय:

सिद्धार्थ तिवारी, MuddaBharatKa के संस्थापक और लेखक हैं। वे UPSC, अंतरराष्ट्रीय राजनीति और सामाजिक-सांस्कृतिक विषयों पर गहन विश्लेषणात्मक लेखन के लिए जाने जाते हैं। उनका उद्देश्य भारत के युवाओं को नीतिगत रूप से जागरूक और सामाजिक रूप से जिम्मेदार नागरिक बनाना है।

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📢 Call to Action:

🙏 क्या आप व्रत रखने वाले हैं? क्या आपने इस सावन में भोलेनाथ से कुछ मांगा?
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