गाज़ा सिटी 2025: इजरायल का कब्ज़ा, हमास संघर्ष और मानवीय संकट का पूरा सच
संघर्ष की पृष्ठभूमि
7 अक्टूबर 2023 को इजरायल-हमास संघर्ष ने एक नया मोड़ लिया। उस दिन हमास ने दक्षिण इजरायल पर अचानक और भीषण हमला किया, जिसमें 1,200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और लगभग 250 लोग बंधक बन गए।
इसी के जवाब में इजरायल ने हमास को पूरी तरह समाप्त करने का ऐलान किया और गाज़ा में इतिहास की सबसे लगातार बमबारी अभियानों में से एक शुरू कर दी।
गाज़ा में हालात बेहद गंभीर हैं – 40,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हुई (गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार), और घर, अस्पताल, स्कूल और अन्य नागरिक संरचनाएँ बुरी तरह तबाह हो गई हैं।
गाज़ा सिटी, जो कि हमास का मुख्य केंद्र और सबसे बड़ा शहर है, अब इजरायल का मुख्य निशाना बन चुका है। यह वही जगह है जहाँ से हमास अपने ऑपरेशन संचालित करता है, और इसलिए सुरक्षा और राजनीतिक दृष्टि से यह सबसे अहम इलाका है।
यह संघर्ष केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि अब वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है।
Al Jazeera – Gaza Crisis Updates https://www.aljazeera.com/
इजरायल की सैन्य रणनीति: अंतिम चरण
इजरायल रक्षा बल (IDF) ने घोषणा की है कि वे गाज़ा सिटी को घेरने के “अंतिम चरण” में हैं, जिसे उन्होंने “हमास के आतंकवादी ढांचे का दिल” बताया है।
IDF की रणनीति में सभी तरह की सेनाओं का सम्मिलित उपयोग किया जा रहा है:
- जमीनी बल (Ground Troops): पैदल सेना विभिन्न मोहल्लों में प्रवेश कर रही है।
- आर्मर्ड ब्रिगेड्स (Armored Brigades): टैंक शहर के केंद्रीय इलाकों में आगे बढ़ रहे हैं।
- हवाई शक्ति (Air Power): फाइटर जेट्स और ड्रोन लगातार बमबारी कर रहे हैं।
- नौसैनिक समर्थन (Naval Support): तटीय इलाकों पर समुद्री हमले किए जा रहे हैं।
इजरायल ने हमास को सख्त चेतावनी भी दी है:
“अगर आप लड़ाई जारी रखते हैं, तो नरक के द्वार खुल जाएंगे।”
यह बयान दर्शाता है कि इजरायल पूरी तरह से शहरी युद्ध के लिए तैयार है, और यह युद्ध का सबसे खूनी और निर्णायक चरण होने वाला है।

“नरक के द्वार” – Psychological Warfare
इजरायल द्वारा इस्तेमाल की गई यह “Gates of Hell” (नरक के द्वार) की बात साइकोलॉजिकल वॉरफेयर का हिस्सा है। इसका मकसद हमास के योद्धाओं का मनोबल तोड़ना और गाज़ा के नागरिकों में भय फैलाना है।
इस बयान से यह संकेत मिलता है कि इजरायल युद्ध को व्यापक रूप देने वाला है, जिसमें शामिल हो सकते हैं:
- असीमित हवाई हमले (Unrestricted Airstrikes)
- टनेलों को पानी से भरना या ध्वस्त करना (Tunnel Flooding/Demolition)
- तोपखाने के बड़े पैमाने पर हमले (Expanded Artillery Barrages)
- दरवाजे-दरवाजे शहरी सफाई अभियान (Door-to-Door Urban Clearance Operations)
सारांश में, इजरायल हमास को चेतावनी दे रहा है कि अगर वे विरोध जारी रखते हैं, तो गाज़ा सिटी पर पूर्ण विनाश आ सकता है।
गाज़ा सिटी: शहरी युद्ध का जटिल परिदृश्य
गाज़ा सिटी को केवल एक शहर नहीं, बल्कि एक घनी आबादी वाला शहरी जंगल कहा जा सकता है। यहाँ की चुनौतियाँ और संरचना इस प्रकार हैं:
- 2 मिलियन+ नागरिक बेहद तंग और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में रहते हैं।
- टनेल नेटवर्क (“गाज़ा मेट्रो”) – हमास द्वारा मूवमेंट, हथियार भंडारण और घात लगाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- ऊँची इमारतें, मस्जिदें और अस्पताल अक्सर हमास के कमांड सेंटर के रूप में डबल रोल निभाते हैं। 🏥
BBC News – Israel-Palestine Conflict https://www.bbc.com/news/world/middle_east
इजरायल के लिए चुनौतियाँ
- टनेलों और बूम ट्रैप से घात का खतरा।
- हमास का नागरिक ढाल के रूप में इस्तेमाल।
- शत्रुतापूर्ण इलाके में सप्लाई लाइन बनाए रखना।
हमास की रणनीति
- इजरायल को लंबी गोरिल्ला लड़ाई में उलझाना।
- भारी इजरायली हताहतों के माध्यम से तेल अवीव पर राजनीतिक दबाव डालना।
- नागरिकों की पीड़ा का इस्तेमाल करके अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति जुटाना।
मानवीय संकट

गाज़ा सिटी में मानवीय संकट चरम पर पहुँच चुका है। स्थिति इस प्रकार है:
बड़े पैमाने पर विस्थापन
- लाखों लोग दक्षिण की ओर भाग चुके हैं, लेकिन कई लोग गाज़ा सिटी में फंसे हुए हैं।
बुनियादी जरूरतें लगातार गिरती हुई
- खाद्य सामग्री, साफ पानी, ईंधन और दवाओं की गंभीर कमी।
- जीवन यापन के लिए बुनियादी संसाधन लगातार संकट में हैं।
अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाएँ
- अल-शिफा अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्र संकट के किनारे हैं।
- बिजली की कमी और भारी हताहतों के कारण अस्पताल अपने कामकाज में असमर्थ।
नागरिक हताहतों का बढ़ता आंकड़ा
- शहरी युद्ध की वजह से मृतकों की संख्या लाखों तक पहुँचने का खतरा।
- संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि यदि इजरायल पूरी तरह से कब्ज़ा करता है, तो गाज़ा एक “मानवता की नरक भूमि” बन सकता है।
अकाल की घोषणा
क्या वजह है इस घोषणा की?
विस्तार और गंभीरता
IPC (Integrated Food Security Phase Classification) ने पुष्टि की है कि गाज़ा सिटी और उत्तर गाज़ा के कुछ हिस्सों में अकाल की स्थिति बन चुकी है। यह निर्णय तीनों वैश्विक मानदंडों के आधार पर लिया गया है:
- कम से कम 20% परिवारों को गंभीर खाद्य संकट का सामना करना पड़ रहा है
- कम से कम 30% बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हैं
- 10,000 में से कम से कम 2 लोग प्रतिदिन भूख या संबंधित कारणों से मर रहे हैं
प्रभावित लोग
- लगभग 514,000 लोग – यानी गाज़ा की आबादी का लगभग चौथाई हिस्सा – पहले ही अकाल की स्थिति झेल रहा है।
- यदि हालात में सुधार नहीं हुआ, तो यह संख्या सितंबर के अंत तक 641,000 तक पहुँच सकती है।

चर्चा का केंद्र
- लाखों लोग भूखे, विस्थापित और असुरक्षित
- इजरायल-हमास संघर्ष का नया खूनी चरण
- अंतरराष्ट्रीय राजनीति और मीडिया की निगरानी
- अकाल और मानवता का गंभीर मुद्दा
संक्षेप: गाज़ा अब केवल युद्धक्षेत्र नहीं, बल्कि मानवता, राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का हॉटस्पॉट बन चुका है।
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निष्कर्ष
- लाखों नागरिक भूख, विस्थापन और असुरक्षा का सामना कर रहे हैं
- शहरी युद्ध और टनेल नेटवर्क संघर्ष को भयंकर और जटिल बना रहे हैं
- “नरक के द्वार” चेतावनी युद्ध का सबसे खूनी चरण दिखाती है
- अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मीडिया का ध्यान इसे वैश्विक चर्चा का केंद्र बना रहा है
कुल मिलाकर: गाज़ा में चल रहा संघर्ष क्षेत्रीय समस्या से बढ़कर मानवता, राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का बड़ा मुद्दा बन चुका है।
✍️ Author Section
लेखक: सिद्धार्थ तिवारी
सिद्धार्थ तिवारी एक स्वतंत्र पत्रकार और ब्लॉगर हैं, जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों, UPSC दृष्टिकोण से समसामयिक घटनाओं और भारत से जुड़े वैश्विक परिदृश्यों पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं। इनका उद्देश्य पाठकों को तथ्यों, संदर्भों और गंभीर विश्लेषण के माध्यम से सही दृष्टिकोण उपलब्ध कराना है।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न 1: इजरायल-हमास संघर्ष क्यों शुरू हुआ?
👉 यह संघर्ष गाज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक में वर्षों से चल रहे राजनीतिक, धार्मिक और सुरक्षा मुद्दों के कारण है। हालिया हमलों और जवाबी कार्रवाई ने इसे और भी तीव्र बना दिया।
प्रश्न 2: इसमें सबसे ज्यादा नुकसान किसे हुआ है?
👉 नागरिकों को – खासकर गाज़ा पट्टी में, जहां बड़ी संख्या में लोग मारे गए और लाखों विस्थापित हुए।
प्रश्न 3: अंतरराष्ट्रीय समुदाय की क्या भूमिका रही?
👉 संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, यूरोपीय संघ और अरब देश लगातार युद्धविराम और मानवीय सहायता की अपील कर रहे हैं, लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।
प्रश्न 4: भारत का रुख क्या है?
👉 भारत आतंकवाद की निंदा करते हुए मानवीय सहायता और शांति की अपील कर रहा है। भारत ने गाज़ा में राहत सामग्री भी भेजी है।
प्रश्न 5: क्या यह संघर्ष वैश्विक राजनीति को प्रभावित करेगा?
👉 हां, इसका असर पश्चिम एशिया की स्थिरता, तेल की कीमतों, और अमेरिका-ईरान रिश्तों पर भी पड़ेगा।
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